विनोद कोठियाल
उत्तराखंड के प्रमुख वन संरक्षक जयराज जंगलों को जलता छोड़ कर भले ही विदेशों की “स्टडी सैर” कर रहे हों लेकिन यहां उत्तराखंड में फाइलों पर किए गए उनके हस्ताक्षर नए-नए गुल खिला रहे हैं और रोज नई सुर्खियां बटोर रहे हैं।
हाल ही में उनका एक तैनाती आदेश सुर्खियों में हैं।
गौरतलब है कि प्रमुख वन संरक्षक जयराज ने आचार संहिता के दौरान 7 मई को वन क्षेत्राधिकारी धीर सिंह का ट्रांसफर नरेंद्र नगर प्रभाग से राजाजी टाइगर रिजर्व देहरादून में कर दिया। जयराज ने यह ट्रांसफर नियमों को धता बताते हुए आदर्श आचार संहिता के दौरान किया और इस ट्रांसफर में निर्वाचन आयोग की भी अनुमति नही ली।
ऐसे में माना जा रहा है कि यह ट्रांसफर रद्द हो सकता है। पहले से ही वन विभाग के मुखिया से विभागीय मंत्री हरक सिंह रावत की तनातनी के कारण अब हरक सिंह रावत को वन विभाग के मुखिया के खिलाफ एक नया हथियार मिल सकता है।
गौरतलब है कि 25 जनवरी को उप वन क्षेत्राधिकारी से वन क्षेत्राधिकारी के पद पर पदोन्नति के फल स्वरुप कुछ वेंडरों के तैनाती आदेश जारी किए गए थे।इनमे से एक का ट्रांसफर जयरा ज ने संशोधित कर डाला। धीर सिंह के ट्रांसफर के पीछे प्रमुख वन संरक्षक ने स्वास्थ्य और पारिवारिक परिस्थितियों को कारण बताते हुए संशोधित तैनाती का आदेश जारी किया है।
देखना यह है कि विभागीय मंत्री हरक सिंह और निर्वाचन आयोग इस मामले पर क्या रुख अपनाते हैं।