कृष्णा बिष्ट
स्टिंग पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करने के बाद कांग्रेस में अंदरूनी घमासान मच गया है। बवाल मचा है प्रेस कांफ्रेंस की टाइमिंग पर।
गलत टाइमिंग, गंभीरता की कमी और कमजोर होमवर्क को लेकर मचे इस घमासान के कारण कांग्रेस की इस मुद्दे पर अगली प्रेस कॉन्फ्रेंस खटाई में पड़ सकती है।
कांग्रेस की एक धड़े का पहले से ही मानना था कि स्टिंग मुद्दे को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस करने का यह सही टाइम नहीं है।
इत्तेफाकन हुआ भी ऐसा ही। स्टिंग को लेकर कांग्रेस की प्रेस कॉन्फ्रेंस के दिन ही भाजपा के मुन्ना सिंह चौहान ने भी जोरदार ढंग से कांग्रेस की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर पलटवार कर दिया, जिससे यह संदेश गया कि कांग्रेस ने इस मुद्दे को उठाने में एक तो काफी देर की, दूसरा पूरी गंभीरता और तैयारी के साथ ही यह मुद्दा नहीं उठाया। लिहाजा स्टिंग प्रकरण को कांग्रेस जिस तरह से मजबूत हथियार मानकर चल रही थी वह मात्र हल्के फुल्के सियासी आरोप-प्रत्यारोप में बदल कर रह गया।
टाइमिंग को लेकर अहम सवाल यह भी है कि पहले तो कॉन्ग्रेस स्टिंग का मुद्दा दबा कर बैठी रही और अब जब स्टिंग से संबंधित सभी वीडियो क्लिप हाई कोर्ट में जमा होकर सबज्यूडिस हो गए हैं। ऐसे में क्लिप को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस करना कांग्रेस को न्यायालय की अवमानना के घेरे में भी ला सकता है।
बताया सूर्यधार निकला चामासारी
कांग्रेस ने सूर्यधार झील के आसपास जमीन खरीद को मुद्दा बनाते हुए कहा कि संजय गुप्ता नामक व्यवसाई ने मुख्यमंत्री के करीबियों के साथ भूमि खरीदी है, लिहाजा उनका मकसद अपना बिजनेस करना था पर्यटन को बढ़ावा देना नहीं।
पलटवार में भाजपा विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने गिना दिया कि यह भूमि सबसे पहली 8 नवंबर वर्ष 2016 में कांग्रेस के कार्यकाल में ही खरीदी गई थी।
कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री के करीबियों द्वारा सूर्य धार झील के आसपास की जमीन खरीदे जाने की बात कही जबकि मीडिया को रजिस्ट्री की जो प्रतियां वितरित की गई वह चामासारी में भूमि खरीद की थी।
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इस्तीफे पर नहला दहला
इधर कांग्रेस ने इस प्रकरण की सीबीआई अथवा हाई कोर्ट की सेटिंग जज से जांच कराने की मांग करते हुए सीएम का इस्तीफा मांगा तो वहीं विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने पलटवार करते हुए कहा कि यदि मुख्यमंत्री की जमीन को साबित कर दें तो वह खुद भी मुख्यमंत्री के साथ इस्तीफा दे देंगे।
वीडियो का जबाब ऑडियो से
मुन्ना सिंह चौहान ने स्टिंग के जवाब में एक ऑडियो भी सुनाई जिसमें मुख्यमंत्री ने गांव वालों से सूर्यधार झील के आसपास की जमीन ना बेचने के लिए अपील कर रहे हैं।
आपसी घमासान के बाद कान्ग्रेस स्टिंग की अगली सीरीज जारी करने को लेकर सोच विचार की मुद्रा में आ गई है।
हालांकि कांग्रेस विधायक करण सिंह माहरा का कहना है कि अगली सीरीज में टिहरी और अन्य जगहों पर जमीनों की धांधली का मामला उजागर किया जाएगा। करण मेहरा ने बताया कि स्टिंग को दिखाने के पीछे भाजपा की अंदरूनी राजनीति में किसी को फायदा पहुंचाने से इस मामले का कोई संबंध नहीं है।
कांग्रेस कर रही ब्लैकमेल !
दो विधानसभा सत्रों में स्टिंग को लेकर लुक्का छिपी का खेल खेलने के बाद कांग्रेस का निकाय और लोकसभा चुनाव के बाद स्टिंग पर शोर शराबा मचाने को लेकर भाजपा का कहना है कि जनता के मुद्दों को धारदार ढंग से उठाने के बजाय कांग्रेस उन मुद्दों से सरकार को ब्लैकमेलिंग करने पर उतर आई है।
भला स्टिंग प्रकरण ही देखें, जब स्टिंग करने वाले मदद के लिए कांग्रेस के पास मारे मारे घूम रहे थे तो कांग्रेस ने उनका मुद्दा उठाने के बजाय भाजपा को आंख दिखाई और कहा कि उनके पास सरकार का स्टिंग है लेकिन दिखाएंगे नहीं।
जब बात नहीं बनी तो उन्होंने फिर एक घेराबंदी की, कि हम स्टिंग दिखा देंगे। जब मुख्यमंत्री ने कहा कि स्टिंग है तो परेड ग्राउंड में बड़ी स्क्रीन पर चलाओ तो कांग्रेस फिर चुप साधकर बैठ गई।
अब पूरा चुनाव गुजर जाने के बाद कांग्रेस ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके स्टिंग की एक वीडियो क्लिप जारी कर दी। देवेंद्र भसीन का कहना है कि यदि कांग्रेस के पास और भी वीडियो क्लिप है तो वह दिखाते क्यों नहीं ! किस दिन के लिए बचा कर रखे गए हैं ! क्या इसके पीछे कांग्रेस कुछ सौदेबाजी करना चाहती है !
अब लोग सवाल पूछ रहे हैं कि आखिर इतने दिनों तक कांग्रेस क्यों चुप थी !
यदि ये सब पहले ही जारी कर दिया होता तो कांग्रेस को शायद नगर निकाय के चुनाव या फिर लोकसभा चुनाव में कुछ तो फायदा मिलता ! अब तो केवल ग्राम सभाओं के चुनाव बचे हुए हैं, क्या इसलिए यह धमाका हल्के से किया होगा अथवा कोई बड़ी सेटिंग नहीं हो पाई !!