उत्तराखंड में एक के बाद एक भर्ती घोटालों की पोल खुल रही है। अभी तक हाकमसिंह जैसे लोगों को नौकरियों का सौदागर माना जा रहा था पर अब विभागों में तैनात अधिकारी औऱ नेताओं का गठजोड़ भी उत्तराखंड के नौजवानों के हकों पर डाका डालकर नौकरियां बेचने का काम कर रहे हैं।
खबर सहकारिता विभाग के उत्तराखंड राज्य भंडारण निगम से है। जहाँ तैनात एमडी मानसिंह सैनी ने विभाग में अपने दर्जनो रिश्तेदारों, चेहतो औऱ सगे सम्बन्धियों को यहां फिट कर दिया है।
आपको जानकर हैरानी होगी कि जब उत्तराखंड में 2017 में चुनाव शुरू होने वाले थे, उस दौरान आचार सहिंता लागू होने से ठीक एक दिन पहले मानसिंह सैनी ने ये कारनामा कर डाला। सूचना के अधिकार में मिली जानकारियों के मुताबिक मानसिंह सैनी ने अपने पद का दुरूपयोग करते हुए रातों रात यहां 39 कार्मिकों की नियुक्तियों को अंजाम दिया गया। वहीं इस मामले पर तत्कालीन सचिव मीनाक्षी सुंदरम ने एक पत्र जारी करते हुए लिखा कि —
मान सिंह सैनी, सहायक निबन्धक, सहकारी समितियां, उत्तराखण्ड, सम्प्रति- प्रबन्ध निदेशक, उत्तराखण्ड राज्य भण्डारागारण निगम, ऊधमसिंहनगर को सूचित किया जाता है कि उत्तराखण्ड राज्य भण्डारागारण निगम हेतु स्थापित प्रक्रिया एवं नियम कानून को दरकिनार करते हुए राज्य विधानसभा चुनाव-2017 हेतु “आर्दश आचार संहिता” प्रभावी होने से 01 दिन पूर्व प्रश्नगत निगम में 39 कार्मिकों की अवैधानिक नियुक्ति करने तथा हैण्डलिंग एवं ट्रांसपोर्ट ठेकेदारों में से अपात्र व्यक्तियों का पंजीकरण कराये जाने सम्बन्धी अनियमितता किये जाने के फलस्वरूप आप द्वारा शासकीय कार्य एवं दायित्वों के प्रति बरती गयी घोर उदासीनता एवं लापरवाही के लिए उन्हें “उत्तराखण्ड सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली 2003” के प्रस्तर-3 (क) के प्राविधानानुसार उक्त कृत्य हेतु लघु शास्ति के रूप में आलोच्य वर्ष 2018-19 के लिए दण्ड स्वरूप परिनिन्दा’ (Censure) दी जाती है।
लेकिन हैरानी की बात है कि कुछ ही समय बाद मानसिंहः सैनी की पदोन्नति भी कर दी जाती है।
सूत्र बताते हैं कि मानसिंहः सैनी यहाँ एक बेलगाम अधिकारी की तरह काम कर रहे हैं । सबसे पहला सवाल तो है कि जब मानसिंह सैनी ने अपने लोगों की यहाँ नियुक्ति की तो उस व्यक्त राज्य भंडारण निगम के ढांचे की ही स्वीकृति नहीं थी। ऐसे में सैनी द्वारा कैसे यहाँ कर्मचारियों का नियमितिकरण किया गया यानी कि साफ है कि बिना किसी बड़े लेन देन के यह सम्भव ही नही है।
दूसरा बड़ा सवाल राज्य भंडारण निगम में प्राविधिक सहायक का एक पद स्वीकृत है ऐसे में मानसिंह सैनी द्वारा 09 प्राविधिक सहायकों को नियमों को ताक पर रखते हुए यहाँ तैनाती दे दी।
आपको जानकर हैरानी होगी यहाँ निगम के संसोधित ढांचे में चौकीदार , अनुसेवक श्रमिकों के नियमित स्वीकृत पद शून्य हैं , बाबजूद इसके मानसिंह सैनी ने 23 चौकीदार चपरासियों को धन बल के आधार पर कानून औऱ नियमों की धज्जियां उड़ाकर नियुक्तिया दे दी।
मानसिंह सैनी यहीं नही रुके उन्होंने हरिद्वार की आर एस नाम की एक मैन पावर सप्लाई फर्म को फायदा पहुंचाने के लिए पहले से कार्यरत संविदा कर्मचारियों को आउटसोर्सिंग एजेंसी के हवाले कर दिया।
कुलमिलाकर सहकारी विभाग के अंतर्गत आने वाले राज्य भंडारण निगम में मानसिंह सैनी पिछ्ले छह वर्षो से मठाधीश बनकर जमकर अनियमितता कर रहे हैं। पर इनपर कोई कार्यवाही नही हो रही है। अब देखना ये होगा कि क्या मानसिंह सैनी के द्वारा की जा रही अनियमत्ताओं पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कोई संज्ञान लेते हैं या ऐसे बेलगाम अधिकारी यूँ ही उत्तराखंड में नौकरियों में भ्रष्टाचार करते रहेंगे।