पर्वतजन
  • Home
  • उत्तराखंड
  • सरकारी नौकरी
  • सरकारी योजनाएं
  • इनश्योरेंस
  • निवेश
  • ऋृण
  • आधार कार्ड
  • हेल्थ
  • मौसम
No Result
View All Result
  • Home
  • उत्तराखंड
  • सरकारी नौकरी
  • सरकारी योजनाएं
  • इनश्योरेंस
  • निवेश
  • ऋृण
  • आधार कार्ड
  • हेल्थ
  • मौसम
No Result
View All Result
पर्वतजन
No Result
View All Result
Home उत्तराखंड

आज ही के दिन फांसी पर झूला था आजादी का परवाना पहाड़ का लाल केसरी चंद। पढ़िए ..

ब्रिटिश राज्य के खिलाफ साजिश का अपराध में केसरी चंद को मौत की सजा की सजा सुनाई गयी । तीन मई 1945 को महज 24 साल की उम्र में उत्तराखंड के इस वीर सेनानी को फांसी दे दी गई।

May 3, 2024
in उत्तराखंड
आज ही के दिन फांसी पर झूला था आजादी का परवाना पहाड़ का लाल केसरी चंद। पढ़िए ..
ShareShareShare
Advertisement
ADVERTISEMENT

3 मई  2024 पुरोला ।

नीरज उत्तराखंडी 

आजादी की लड़ाई में उत्तराखंड के जौनसार के वीर सपूत केसरी चंद का नाम हमेशा स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा। अमर शहीद वीर केसरी चंद का जन्म 1 नवंबर, 1920 को जौनसार के क्यावा गांव में हुआ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा विकासनगर में हुई थी। इसके बाद उन्होंने डीएवी कॉलेज में अपनी पढ़ाई जारी रखी।

केसरी चंद बचपन से ही साहसी थे और खेलों में उनकी विशेष रुचि थी। उनमें नेतृत्व का गुण और देशभक्ति की भावना कूट-कूट कर भरी हुई थी। कहा जाता है कि स्वतंत्रता आंदोलन के लिए उन्होंने कांग्रेस की बैठक और कार्यक्रमों में भी भाग लिया था।

इसी भावना के कारण वह 10 अप्रैल 1941 में रॉयल आर्मी सर्विस कॉर्प्स में भर्ती हो गए। उन दिनों द्वितीय विश्व युद्ध पूरे जोरों पर था। सो 29 अक्टूबर 1941 को केसरी चंद, मलाया की लड़ाई के मोर्चे पर तैनात किया गया। इस दौरान केसरी चंद को जापानी सेना ने बंदी बना लिया।

वह नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नारे ” तुम मुझे खून दो , मैं तुम्हें आजादी दूंगा ‘ से प्रेरित होकर केसरी चंद आजाद हिंद सेना में भी शामिल हुए। उनके अदम्य साहस के कारण उन्हें जोखिम भरा कार्य सौंपा गया। इसके बाद इम्फाल में पुल को उड़ाने के प्रयास में केसरी चंद को अंग्रेजों ने पकड़ लिया और उन्हें दिल्ली की जिला जेल भेज दिया।

24 साल की उम्र में देश पर न्यौछावर किया जीवन

ब्रिटिश राज्य के खिलाफ साजिश का अपराध में केसरी चंद को मौत की सजा की सजा सुनाई गयी । तीन मई 1945 को महज 24 साल की उम्र में उत्तराखंड के इस वीर सेनानी को फांसी दे दी गई। उनकी स्मृति में तीन मई को रामताल गार्डन चकराता और नागथात के बीच इस जगह एक भव्य मेले का आयोजन होता है।

शहीद केसरी चंद के सम्मान में चकराता स्थित रामताल गार्डन में हर साल तीन मई को ‘वीर केसरी चंद मेला’ आयोजित किया जाता है। इनके सम्मान में यहाँ लाखो लोग एकत्रित होते है। जौनसार के लोक कलाकारों केसरी चंद पर कई गीतो की रचना भी की है।


Previous Post

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना : क्या पति-पत्नी दोनो को मिल सकता हैं फायदा। जानिए …

Next Post

मुख्य वन संरक्षक ने धधकते जंगल में देशभर से आए प्रशिक्षु आर.ओ.को आग बुझाने की ट्रेनिंग दी।

Next Post

मुख्य वन संरक्षक ने धधकते जंगल में देशभर से आए प्रशिक्षु आर.ओ.को आग बुझाने की ट्रेनिंग दी।

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *






पर्वतजन पिछले २3 सालों से उत्तराखंड के हर एक बड़े मुद्दे को खबरों के माध्यम से आप तक पहुँचाता आ रहा हैं |  पर्वतजन हर रोज ब्रेकिंग खबरों को सबसे पहले आप तक पहुंचाता हैं | पर्वतजन वो दिखाता हैं जो दूसरे छुपाना चाहते हैं | अपना प्यार और साथ बनाये रखिए |
  • ब्रेकिंग: दून में कल बंद रहेंगे सभी स्कूल। आदेश जारी..
  • ब्रेकिंग: कैबिनेट के महत्वपूर्ण फैसले ..
  • बड़ी खबर: डॉ विपुल कंडवाल की मेडिकल काउंसिल सदस्यता रद्द। जून 2024 में प्रैक्टिस पर भी लगी थी रोक।
  • हाइकोर्ट न्यूज: अवैध कॉलोनियों और निर्माणों पर लगेगी लगाम। बिना नक्शा पास भवनों से कटेगा बिजली कनेक्शन
  • बड़ी खबर: उत्तराखंड में बारिश से राहत के आसार, लेकिन अभी भी 124 सड़कें बंद..
  • Highcourt
  • इनश्योरेंस
  • उत्तराखंड
  • ऋृण
  • निवेश
  • पर्वतजन
  • मौसम
  • वेल्थ
  • सरकारी नौकरी
  • हेल्थ
July 2025
M T W T F S S
 123456
78910111213
14151617181920
21222324252627
28293031  
« Jun    

© 2022 - all right reserved for Parvatjan designed by Ashwani Rajput.

No Result
View All Result
  • Home
  • उत्तराखंड
  • सरकारी नौकरी
  • सरकारी योजनाएं
  • इनश्योरेंस
  • निवेश
  • ऋृण
  • आधार कार्ड
  • हेल्थ
  • मौसम

© 2022 - all right reserved for Parvatjan designed by Ashwani Rajput.

error: Content is protected !!