उत्तराखंड सरकार ने नई आबकारी नीति-2025 जारी कर दी है, जिसका उद्देश्य न्यूनतम मदिरा उपभोग के साथ अधिकतम राजस्व अर्जित करना है। सरकार का लक्ष्य वर्ष 2025-26 में 5060 करोड़ रुपये का आबकारी राजस्व प्राप्त करना है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 14% अधिक है। नई नीति में मदिरा व्यवसाय को नियंत्रित, पारदर्शी और जनहितकारी बनाने पर जोर दिया गया है।
मुख्य विशेषताएँ:
1. धार्मिक स्थलों के पास शराब बिक्री पर प्रतिबंध
धार्मिक स्थलों की पवित्रता बनाए रखने के लिए मद्य निषेध क्षेत्र में शराब बिक्री की अनुमति समाप्त कर दी गई है।
2. उप-दुकान प्रणाली समाप्त
प्रदेश में संचालित उप-दुकानों (Sub Shops) की व्यवस्था पूरी तरह खत्म कर दी गई है, जिससे अवैध बिक्री और अनियमितताओं पर रोक लग सकेगी।
3. मैट्रो मदिरा बिक्री प्रणाली बंद
नई नीति में मैट्रो मदिरा बिक्री प्रणाली को पूरी तरह समाप्त कर दिया गया है, जिससे मदिरा व्यवसाय अधिक पारदर्शी और सुव्यवस्थित होगा।
4. ओवररेटिंग पर सख्ती, लाइसेंस होंगे रद्द
मदिरा दुकानों द्वारा निर्धारित अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) से अधिक मूल्य वसूली की शिकायत मिलने पर लाइसेंस रद्द करने का सख्त प्रावधान किया गया है।
5. डिपार्टमेंटल स्टोर्स पर भी लागू होगी MRP
2013 में लागू डिपार्टमेंटल स्टोर नियमावली के तहत मनमाने दाम वसूलने की छूट थी, लेकिन अब सरकार ने MRP लागू करना अनिवार्य कर दिया है।
6. आबकारी राजस्व लक्ष्य और उपलब्धियाँ
- 2023-24: 4000 करोड़ रुपये का लक्ष्य, जिसमें 4038.69 करोड़ रुपये की प्राप्ति हुई।
- 2024-25: 4439 करोड़ रुपये का लक्ष्य, जिसमें अब तक लगभग 4000 करोड़ रुपये जुटाए जा चुके हैं।
- 2025-26: 5060 करोड़ रुपये का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा गया है।
7. पर्वतीय अंचल में वाइनरी को बढ़ावा
सरकार स्थानीय काश्तकारों और किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए बागानों में उत्पादित फलों से वाइन बनाने की अनुमति देगी। यह कदम पहाड़ी क्षेत्रों में रोजगार सृजन और आर्थिक वृद्धि में सहायक होगा।
8. निवेशकों को आकर्षित करने के लिए प्रोत्साहन
- शराब व्यवसाय में स्थानीय नागरिकों को प्राथमिकता दी जाएगी।
- मदिरा उद्योग में निवेश को बढ़ावा देने के लिए निर्यात शुल्क (Export Duty) में छूट दी गई है।
- मॉल और रिसॉर्ट्स में शराब बिक्री की विशेष सुविधाएं दी जाएंगी।
9. उत्तराखंड के नागरिकों को विशेष लाभ
उत्तराखंड के मूल निवासी शराब अनुज्ञापनों में प्राथमिकता प्राप्त करेंगे, जिससे स्थानीय लोगों को आर्थिक संबल मिलेगा।
10. जागरूकता और जिम्मेदार शराब उपभोग पर जोर
सरकार ने शराब के दुष्प्रभावों को कम करने के लिए ‘रिस्पॉन्सिबल ड्रिंकिंग’ (जिम्मेदार मदिरा सेवन) पर जनजागरूकता अभियान चलाने का निर्णय लिया है।
सरकार का उद्देश्य: संतुलित नीति, राजस्व वृद्धि और जनहित
नई आबकारी नीति के तहत सरकार मद्य निषेध भावना का सम्मान करते हुए, शराब व्यवसाय से नियंत्रित राजस्व वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस नीति के माध्यम से स्थानीय निवेश, रोजगार और पारदर्शिता को बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे प्रदेश के आर्थिक विकास को नई दिशा मिलेगी।