स्टोरी(कमल जगाती, नैनीताल):-
उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने यू.पी.के बाहुबली नेता पूर्व सांसद डी.पी.यादव सहित तीन अन्य को गाजियाबाद के विधायक महेंद्र भाटी की हत्या करने पर देहरादून की सी.बी.आई.कोर्ट की आजीवन कारावास की सजा के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई की।
आज मुख्य न्यायधीश आर एस चौहान और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने पाल सिंह उर्फ लक्कड़ पाल उर्फ हरपाल सिंह की अपील पर अपना निर्णय सुनाया ।
मामले को सुनने के बाद न्यायालय ने निचली अदालत के आदेश को निरस्त कर दिया है। न्यायालय ने उनके खिलाफ कोई ठोस सबूत नही मिलने पर उन्हें रिहा करने के आदेश दिए।
खण्डपीठ ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि ट्रायल के दौरान सी.बी.आई.इनके खिलाफ पर्याप्त सबूत जुटाने में असमर्थ रही जो भी सबूत जुटाए गए थे उनमें भी विरोधाभास रहा । इसका लाभ इन्हें देते हुए इन्हें रिहा करने के आदेश हरिद्वार जेल को दिए हैं ।
अभियुक्त अभी हरिद्वार जेल में बन्द है। न्यायालय ने इस हत्याकांड के दो अन्य आरोपियो की अपीलों में निर्णय सुरक्षित रखा हुआ है, जबकि मुख्य आरोपी डी.पी.यादव इस केस में बरी हो चुका है।
मामले के अनुसार 13 सितम्बर 1992 को गाजियाबाद के विधायक महेंद्र भाटी की हत्या डीपी यादव, परनीत भाटी, करन यादव व पाल सिंह उर्फ लक्कड़ पाला ने कर दी थी।
15 फरवरी 2015 को देहरादून की सीबीआई कोर्ट ने चारों आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनवाई थी। इस आदेश को चारों अभियुक्तों द्वारा हाई कोर्ट में अलग अलग अपील दायर कर चुनोती दी गयी थी।