स्टोरी(कमल जगाती, नैनीताल):-
उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने हरिद्वार की गंगा नदी में खनन के खिलाफ दायर पी.आई.एल.में सुनवाई करते हुए सरकार से 16 मार्च तक जवाब दाखिल करने को कहा है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति आर.सी.खुल्बे की खण्डपीठ ने मातृ सदन की जनहित याचिका में अगली सुनवाई 16 मार्च को तय की है।
मामले के अनुसार हरिद्वार के मातृ सदन ने जनहित याचिका दायर कर न्यायालय से कहा कि हरिद्वार गंगा नदी में नियमों को ताक पर रखकर धड़ल्ले से खनन किया जा रहा है । इससे गंगा नदी के अस्तित्व को खतरा पैदा हो गया है।
गंगा नदी में खनन करने वाले नैशनल मिशन क्लीन गंगा को पलीता लगा रहे हैं। जनहित याचिका में न्यायालय से प्रार्थना की गई है कि गंगा नदी में हो रहे अवैध खनन पर रोक लगाई जाए, ताकि गंगा नदी के अस्तित्व को बचाया जा सके। अब कुम्भ क्षेत्र में भी। खनन किया जा रहा है। याचिकाकर्ता का यह भी कहना है कि केंद्र सरकार ने गंगा नदी को बचाने के लिए एन.एम.सी.बोर्ड गठित किया है जिसका मुख्य उद्देश्य गंगा को साफ करना और उसके अस्तित्व को बचाए रखना है। एन.एम.सी.ने राज्य सरकार को बार बार आदेश दिए कि यहां खनन कार्य नहीं किया जाय। उसके बाद में सरकार ने यहां खनन कार्य करवाया जा रहा है। यू.एन.ने भी भारत सरकार को निर्देश दिए थे कि गंगा को बचाने के लिए क्या क्या कदम उठाए जा रहे हैं, इसके बाद भी सरकार गंगा के अस्तित्व को समाप्त करने पर तुली पड़ी है।